हमारा स्मारक : एक परिचय

श्री टोडरमल जैन सिद्धांत महाविद्यालय जैन धर्म के महान पंडित टोडरमल जी की स्मृति में संचालित एक प्रसिद्द जैन महाविद्यालय है। जिसकी स्थापना वर्ष-१९७७ में गुरुदेव श्री कानजी स्वामी की प्रेरणा और सेठ पूरनचंदजी के अथक प्रयासों से राजस्थान की राजधानी एवं टोडरमल जी की कर्मस्थली जयपुर में हुई थी। अब तक यहाँ से 36 बैच (लगभग 850 विद्यार्थी) अध्ययन करके निकल चुके हैं। यहाँ जैनदर्शन के अध्यापन के साथ-साथ स्नातक पर्यंत लौकिक शिक्षा की भी व्यवस्था है। आज हमारा ये विद्यालय देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी जैन दर्शन के प्रचार-प्रसार में संलग्न हैं। हमारे स्मारक के विद्यार्थी आज बड़े-बड़े शासकीय एवं गैर-शासकीय पदों पर विराजमान हैं...और वहां रहकर भी तत्वप्रचार के कार्य में निरंतर संलग्न हैं। विशेष जानकारी के लिए एक बार अवश्य टोडरमल स्मारक का दौरा करें। हमारा पता- पंडित टोडरमल स्मारक भवन, a-4 बापूनगर, जयपुर (राज.) 302015

Monday, November 1, 2010

"संकल्प" नाटक का मंचन होगा मुंबई में


पीपल फॉर एनिमल लिबेरशन की पहल,१साल बाद होगा फेसबुक, ट्विट्टर और ब्लॉग्गिंग के माध्यम से हो रहा है प्रचार
शाकाहार के बारे में अब जानेगी मायानगरी मुंबई

दिनांक: 1 नवम्बर, जयपुर- जयपुर आधारित गैर सरकारी संस्था पीपल फॉर एनिमल लिबेरशन जो देश भर में जानवरों के अधिकारों पर काम कर रही है अब चल पड़ी है अपना लोकप्रिय नाटक "संकल्प" लेकर मायानगरी मुंबई. इसका मंचन मुंबई मे १३ नवम्बर को भारतीय विद्या भवन मे रखा गया है|
अनिल मारवाड़ी निर्देशित नाटक "संकल्प' का मंचन जयपुर के कलाकारों ने पिछले साल रविन्द्र मंच पर ९ अगस्त के दिन किया था जिसमे लगभग ७०० लोगों ने शाकाहारी बने रहने का संकल्प लिया था| नाटक मे एक शाकाहारी योगी मे ऐसी अद्भुत शक्ति होती हैं जिससे उसके हाथ लगते ही इंसान के सारे कष्ट दूर हो जाते है. उनकी इस शक्ति के कारण लोग दूर दूर से स्वास्थय लाभ के लिए उनके पास आते है| लेकिन बुरे प्रभाव के कारण वह मांसाहार करना शुरू कर देता हैं| इससे उनके ठीक करने की शक्ति नष्ट हो जाती है और उनमे कई दोष पैदा हो जाते है| नाटक मे कलाकारों ने मांसाहार और अनैतिक आचरण से होने वाले अमानवीय अत्याचार को दर्शाया|

संस्था के सर्वज्ञ भारिल्ल ने बताया की, "नाटक के माध्यम से आजकल शाकाहार के प्रति चल रही ब्र्हान्तियों का निराकरण किया जाता है, शाकाहार में ताकत नहीं होती, अंडा शाकाहारी है जैसे आधारहीन तथ्यों से वाकिफ कराते हुए शाकाहारी रहने और बनने की प्रेरणा दी जाती है|

भारिल्ल का कहना है की गाँधी और महावीर के देश में अहिंसा और शाकाहार की सख्त उपयोगिता है| जानवरों को भी इस पृथ्वी पर रहने का उतना आधिकार है जितना की मनुष्यों का|

1 comment:

Arpit Jain said...

my best wishes for this holy initiative........