कुछ प्रयास अपनी उम्मीदों से भी ज्यादा फल दे जाते हैं...इसकी बानगी देखना है तो हमारे ब्लॉग से अच्छा उदाहरण नही मिलेगा...महज टोडरमल स्मारक के विद्यार्थियों कों आपस में जोड़े रखने की भावना से शुरू किया गया ये ब्लॉग आज हिंदी चिट्ठाजगत के प्रमुख ब्लॉग में से एक है। हालाँकि आंकड़े सफलता का वास्तविक पैमाना नही होते लेकिन मजबूरन हमें कुछ आंकड़े बताना होंगे जो इसकी लोकप्रियता को खुद ब खुद जाहिर करते हैं-इनके चलते ही हमारे ब्लॉग ने महज एक साल में अपनी अच्छी खासी पहचान ब्लॉग के इस बड़े से संसार में बना ली...
पिछले एक वर्ष में हमने कुल ११८ पोस्ट इस ब्लॉग पर प्रकाशित की, जिनमे ओवरआल विसिटर्स की संख्या ४०००० के ऊपर दर्ज की गयी...सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली पोस्ट 'स्मारक रोमांस पार्ट-१' रही जिसे ५५८ बार ओपन किया गया, वर्तमान में कुल ४८ followers हैं, अब तक लोगों द्वारा पोस्ट पर १९३ comments प्राप्त हुए, ब्लॉग से कुल १६ लेखक अब तक जुड़े हुए हैं और ये संख्या सतत जारी है...ब्लॉग ने लोकप्रिय श्रृंखला स्मारक रोमांस और मेरे सपनो का स्मारक प्रकाशित की जिसने हर तरफ वाहवाही लूटी...३ बार ब्लॉग की पोस्ट दैनिक अखवारों में प्रकाशित हुई जिनमे राष्ट्रीय समाचार पत्र 'जनसत्ता' भी शामिल है...ब्लॉग की लोकप्रियता के चलते हमें ब्लोगर्स मीट में शिरकत करने का आमंत्रण भी मिला। इस तरह इन कुछ उपलब्धियों के साथ हम अपने इस लघुतम प्रयास के साथ आगे बढ़ रहे हैं....लेकिन ये उपलब्धियां सिर्फ हमारे कारन नही, इसका कारण आप सभी का सतत मिलने वाला प्यार है...जो हमें नित नया करते रहने के लिए प्रेरित करता रहता है....अब हम चाहेंगे कि हमारे इस कारवां में महज स्मारक परिवार ही नही बल्कि हर तत्वरसिक, शास्त्रिवंधू चाहे वो मंगलार्थी हो, आत्मार्थी हो, कोटा-बांसवाडा-सोनगढ़-सोनागिरी या जहाँ कहीं से भी जुड़े हो, उसे हम हमारे साथ शामिल करना चाहेंगे एवं आपकी सक्रिय सहभागिता चाहेंगे....क्योंकि आध्यत्मिक जमीन पर हम सब एक हैं।
साथ ही मैं कुछ लोगों को शुक्रिया अदा किये वगैर अपनी बात समाप्त नही कर सकता...जिसमे सबसे पहले स्मारक के हमारे अध्यापकगण बड़े दादा, छोटे दादा को याद करूँगा जिनका आशीष सदा हमारे साथ हैं...आदरणीय शांतिजी भाईसाहब, पीयूषजी, धर्मेंद्रजी, प्रवीणजी का शुक्रगुजार हूँ जिन्होंने हमारे इस कृत्य के लिए हमारा सतत उत्साहवर्धन किया। मेरे कुछ अग्रज जैसे मनीषजी 'रहली', आशीषजी 'टीकमगढ़', अभिषेकजी 'सिलवानी' संभवजी को धन्यवाद दूंगा जिन्होंने नियमित ब्लॉग प़र प्रतिक्रिया जाहिर कर या फोन से मेरे कृत्य कि सराहना की। इसके आलावा चेतन 'बक्सवाहा', मेरे आत्मीय मित्र रोहन रोटे, प्रिय अनुज सर्वज्ञ भारिल्ल को भी धन्यवाद दूंगा जिनकी सक्रिय सहभागिता ने ब्लॉग को इस मुकाम तक पहुचाया...साथ ही कुछ अनुजो का असीम स्नेह भी सतत हमारे साथ रहा जिनमे तन्मय, अभिषेक, सजल, राहुल, एकत्व, सुदीप, सौरभ प्रमुख हैं....साथ ही उन तमाम शास्त्री मित्रों का जो निरंतर हमारे प्रयासों का अनुमोदन करते हैं और मेरे दिल में हमेशा अपना घर बनाकर बैठे हुए हैं...भले उनका जिक्र में यहाँ न कर सकुं...क्योंकि प्रेम का संसार अगाध है और शब्द सीमित...
हमारा स्मारक : एक परिचय
श्री टोडरमल जैन सिद्धांत महाविद्यालय जैन धर्म के महान पंडित टोडरमल जी की स्मृति में संचालित एक प्रसिद्द जैन महाविद्यालय है। जिसकी स्थापना वर्ष-१९७७ में गुरुदेव श्री कानजी स्वामी की प्रेरणा और सेठ पूरनचंदजी के अथक प्रयासों से राजस्थान की राजधानी एवं टोडरमल जी की कर्मस्थली जयपुर में हुई थी। अब तक यहाँ से 36 बैच (लगभग 850 विद्यार्थी) अध्ययन करके निकल चुके हैं। यहाँ जैनदर्शन के अध्यापन के साथ-साथ स्नातक पर्यंत लौकिक शिक्षा की भी व्यवस्था है। आज हमारा ये विद्यालय देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी जैन दर्शन के प्रचार-प्रसार में संलग्न हैं। हमारे स्मारक के विद्यार्थी आज बड़े-बड़े शासकीय एवं गैर-शासकीय पदों पर विराजमान हैं...और वहां रहकर भी तत्वप्रचार के कार्य में निरंतर संलग्न हैं।
विशेष जानकारी के लिए एक बार अवश्य टोडरमल स्मारक का दौरा करें।
हमारा पता- पंडित टोडरमल स्मारक भवन, a-4 बापूनगर, जयपुर (राज.) 302015
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7 comments:
sachmuch socha nahi tha aisi safalta iss blog ko milengi...much thanks n congratulation
congratulations!
bahut bahut dhanybad ANKUR JI JO AAPNE SMARAK KI IS MALA SE HUME JODE RAKHA OR HUM SABHI IS ABHIYAN KO AAGE BADHANE KE LIYE BACHANBADH HAI ................
"LOG TO THKNE KI SOCH KR BAITH JATE HAI KINARON PR,HUME TO KHWAB AATE HAI TUFANO KE, KUCH LOG NAHI KRTE SAMUNDR PAR IS DAR SE,ISE BS PAR KRNA HAI AB TO YE ZID HUMARI HAI ......BEST WISHES 4 FURTHER
man me thi tamanna kucha karne ki
thoda thoda sa chale aur kavan jud gaya.
ab apnani hai ye aadat ......
jo juda hai ye kavan usko aur........ .aur .... thoda sa aur.... uper uthane ki...........
BLOG K SABHI SATHIYON KO SDHANYABAD....
PADNE PAR LAGA KI YE BLOG VAHUT PASAND KIA JAYEGA OR ANYA BLOG SE V ADHIK LIKE KIA JAYEGA.
VAHUT-2 ABHAR JO ITNI SARAS SAMAGRI KA PRAKASHAN KIA.
CONGRETULATION
JAI JINENDRA.
NICE DONE
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