
जिन्दगी के फलसफे में कई उतार-चढ़ावों से इन्सान को गुजरना पड़ता है, इन्ही में से एक है विवाह संस्कार। जो जीवन के बाकि हिस्से की नियति तय करने में अहम् रोल अदा करता है। हमारे शास्त्री भाइयों की शादियों का सिलसिला भी आये-दिन लगा रहता है, और मित्रगणों को खुशियाँ देता रहता है। अभी पिछले महीने ही २००७ के पास आउट विद्यार्थी जितेन्द्र जैन "मुंबई" ने गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया। अब एक शास्त्री और इस पड़ाव से गुजरने के लिए तैयार है। जी हाँ वर्ष २००३-०८ के बेच से स्नातक विवेक जैन "सागर" गृहस्थ आश्रम में प्रवेश करने जा रहे है।
२८ जून २०१० को महावीर धर्मशाला, ग्वालियर से उनका विवाह संस्कार संपन्न होगा। इस हेतु उनका समस्त स्मारक परिवार और इष्ट मित्रों को सादर आमंत्रण है। आपकी गरिमामय उपस्थिति अवश्यम्भावी है।
प्रार्थनीय-
विवेक जैन- ०९८९१६२६८७४
०८०१००७२४२६
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