हमारा स्मारक : एक परिचय

श्री टोडरमल जैन सिद्धांत महाविद्यालय जैन धर्म के महान पंडित टोडरमल जी की स्मृति में संचालित एक प्रसिद्द जैन महाविद्यालय है। जिसकी स्थापना वर्ष-१९७७ में गुरुदेव श्री कानजी स्वामी की प्रेरणा और सेठ पूरनचंदजी के अथक प्रयासों से राजस्थान की राजधानी एवं टोडरमल जी की कर्मस्थली जयपुर में हुई थी। अब तक यहाँ से 36 बैच (लगभग 850 विद्यार्थी) अध्ययन करके निकल चुके हैं। यहाँ जैनदर्शन के अध्यापन के साथ-साथ स्नातक पर्यंत लौकिक शिक्षा की भी व्यवस्था है। आज हमारा ये विद्यालय देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी जैन दर्शन के प्रचार-प्रसार में संलग्न हैं। हमारे स्मारक के विद्यार्थी आज बड़े-बड़े शासकीय एवं गैर-शासकीय पदों पर विराजमान हैं...और वहां रहकर भी तत्वप्रचार के कार्य में निरंतर संलग्न हैं। विशेष जानकारी के लिए एक बार अवश्य टोडरमल स्मारक का दौरा करें। हमारा पता- पंडित टोडरमल स्मारक भवन, a-4 बापूनगर, जयपुर (राज.) 302015

Sunday, October 10, 2010

क्या ये भी चुटकुला है .............?

क्या ये भी चुटकुला है .....
सब लोग जानते है कि मेरा घर जला है ,बस इतना याद रखना इसमें भी कुछ भला है
प्रारंध्र है या संचित मुझको पता नहीं है, जितना बड़ा था लोटा उतना ही जल भरा है
पतझड़ के पीले पत्ते कहते सदा यही है, आएगा बसंत फिर से मौसम बदल रहा है
जीना पड़ेगा तुमको हर हाल मे ये इंसा,हर दिन है महा भारत हर रात कर्बला है
मांगी थी भीख तुमने रोते हुए जीने कि वो जिंदगी क्या देगा , मोतों में जो पला है
सुख जाते -जाते बोला दुःख से ये बात कहना , वो भी नहीं रहेगा ऐसा ही सिलसिला है
मेरी चिता पे आकर कुछ लोग ये कहेंगे सचमुच मरा है"मानव " क्या ये भी चुटकुला है
अर्पित जैन "मानव"

2 comments:

Unknown said...

this is fact all is not well but people is all is well it funny.......................
mrigendra jain

ANKUR JAIN said...

good arpit