श्री वीतराग विज्ञान यात्रा संघ इस साल अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है और बुंदेलखंड, दक्षिण भारत के तीर्थो के बाद अब मौका है २५ से ३१ दिसम्बर तक मालवा और निमाड़ के तीर्थ क्षेत्रों की यात्रा का| देश भर के लोगों को पूरे वर्ष भर इस यात्रा का इंतज़ार रहता है आखिर हो भी क्यूँ न? जब यह ४०० लोगों का चलता-फिरता मेला अपने कैप्टेन छोटे दादा और बड़े दादा के साथ किसी तीर्थ पर पहुचता है तो गाँव की हवा बदल जाती है. और फिर वहां के मंदिरों मे प्रवचन, पूजन, भक्ति आदि के कार्यक्रमों से सब आनंदित हो जाते है| यात्रा की व्यवस्थाओ के बारे मे सुनते-सुनते यदि आपके कान पक भी गए हो तो ज्यादा नहीं समझूंगा| वास्तव मे यात्रा की इन तय्यारिओं का श्रेय पंडित शुद्धात्म प्रकाश जी और पंडित पियूष जी शास्त्री को जाता है जिनके मैनेजमेंट के बिना यह यात्रा संघ शायद इस मुकाम पर नहीं पहुच पाता| इन्ही के साथ पंडित धर्मेन्द्र जी शास्त्री अपनी छोटी गुडिया के अधिक छोटे होने के कारण सम्मिलित नहीं हो पा रहे है| इतने सारे यात्रिओं की व्यवस्था के लिए हर बस मे रहने वाले विद्यार्थी विद्वान (लीडर) भी पूरे-पूरे धन्यवाद के पात्र है|
इस यात्रा के दौरान ली जा रही LIVE PHOTOS का मज़ा आप स्मारक के फेसबुक पेज पर देख सकते है जो यात्रा के दौरान निरंतर अपलोड की जाएगी!
इस यात्रा में मुंबई, देल्ही, कोलकाता, अहमदाबाद से लोग पधार रहे हैं| आशा करते है आप सभी की यात्रा मंगलमय हो|
3 comments:
is baar mai yatra bahut miss karunga.......
wish you all d very best....happy journey...
hum bhi aapko miss karenge Sajal ji...
Thank you Ankur Ji
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