हमारा स्मारक : एक परिचय

श्री टोडरमल जैन सिद्धांत महाविद्यालय जैन धर्म के महान पंडित टोडरमल जी की स्मृति में संचालित एक प्रसिद्द जैन महाविद्यालय है। जिसकी स्थापना वर्ष-१९७७ में गुरुदेव श्री कानजी स्वामी की प्रेरणा और सेठ पूरनचंदजी के अथक प्रयासों से राजस्थान की राजधानी एवं टोडरमल जी की कर्मस्थली जयपुर में हुई थी। अब तक यहाँ से 36 बैच (लगभग 850 विद्यार्थी) अध्ययन करके निकल चुके हैं। यहाँ जैनदर्शन के अध्यापन के साथ-साथ स्नातक पर्यंत लौकिक शिक्षा की भी व्यवस्था है। आज हमारा ये विद्यालय देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी जैन दर्शन के प्रचार-प्रसार में संलग्न हैं। हमारे स्मारक के विद्यार्थी आज बड़े-बड़े शासकीय एवं गैर-शासकीय पदों पर विराजमान हैं...और वहां रहकर भी तत्वप्रचार के कार्य में निरंतर संलग्न हैं। विशेष जानकारी के लिए एक बार अवश्य टोडरमल स्मारक का दौरा करें। हमारा पता- पंडित टोडरमल स्मारक भवन, a-4 बापूनगर, जयपुर (राज.) 302015

Tuesday, January 26, 2010

पतंग उड़ाने का विरोध....


टोडरमल स्मारक के विद्यार्थियों ने इस साल अन्नाजी और बड़े दादा जी की प्रेरणा से मकर संक्रांति पर पतंग न उड़ाने का संकल्प लिया। क्योंकि इसके महीन धागे से कई पक्षियों की जान चली जाती है।

स्मारक के विद्यार्थी सर्वज्ञ भारिल्ल के नेतृत्व में स्टेच्यु सर्कल पर पतंग उड़ाने का विरोध प्रदर्शन भी किया गया। जिसे कई टीवी चैनल ने कवर किया।

इसके आलावा स्मारक के ही भूतपूर्व विद्यार्थी जिनेन्द्र शास्त्री ने उदयपुर में चीनी धागों के विरोध में एक विशाल प्रदर्शन किया। चीनी धागा काफी धारदार और पक्षियों के लिए घातक होता है। हमारी ब्लॉग टीम इनके कार्यों की सराहना करती है।

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